संविधान सभा and संविधान सभा की प्रमुख समितियां
- कुल सदस्य - 389
- प्रांतों से निर्वाचित सदस्य - 292
- देशी रियासतों से मनोनित सदस्य - 93
- केन्द्र शासित/चीफ कमीश्नरी क्षेत्रों से निर्वाचित सदस्य-4
- केन्द्र शासित प्रदेश - 1. अजमेर, मेरवाड़ा
- 2. कुर्ग (कर्नाटक)
- 3. दिल्ली
- 4. ब्लूचिस्तान (पाक)
- जुलाई 1946 को संविधान सभा के कुल 296 सदस्यों का चुनाव हुआ।
- इसमें कांग्रेस पार्टी को 208 सीटें व मुस्लिम लीग को 73 सीटे प्राप्त हुई।
- नोट - सविधान सभा में कुल निर्वाचित सदस्य 296 जिनमें सामान्य 213, मुस्लिम 79, सिक्ख 4 थे।
- प्रत्येक 10 लाख की जनसंख्या पर एक सीट निर्धारित की गई।
- संविधान सभा के सदस्यों को प्रांतीय विधानसभाओं के सदयों द्वारा चुने गये।
- 3 जुन 1947 लार्ड माऊट बैटन योजना के आधार पर पाक के लिए अलग से संविधान सभा का गठन किया गया तब भारतीय संविधान सभा में सदस्य संख्या घटकर 324 रह गई।
- प्रांतो से - 235
- रियासतों - 89
- 31 अक्टूबर 1947 को संविधान सभा के सदस्यों कि संख्या घटकर 299 रह गई।
- नोट - जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा को ‘‘चलायमान राष्ट्र’’ की संज्ञा दी।
- ‘‘संविधान सभा एक दलीय देश का एक दलीय निकाय है व संविधान सभा ही कांग्रेस है और कांग्रेस ही भारत है - ग्रेनविले आॅस्टीन
- संविधान सभा हिन्दुओं का निकाय है - लार्ड विस काऊट
- संविधान सभा भारत के केवल एक बड़़े समूदाय का प्रतिनिधित्व करता है - विस्टन चर्चिल
- संविधान सभा में सर्वाधिक सदस्या संख्या
- संयुक्त प्रांत - 55
- नोट - देश में कुल देशी रियासतों की संख्या - 562
- जिनमें सबसे बड़ी देशी रियासत हैदराबाद थी जहां से एक भी सदस्य संविधान सभा नहीं था।
- सर्वाधिक सदस्य रियासत मैसूर से 7,
- राजस्थान से संविधान सभा में कुल सदस्यों की
- संख्या - 14
- निर्वाचित 1, मनोनित 13
- निर्वाचित सदस्य - अजमेर-मेरवाड़ा - मुकुट बिहारी
- मनोनित सदस्य -
- (मेवाड़/उदयपुर)
- माणिक्यलाल वर्मा
- बलवंत सिंह महेता
- जयपुर रियासत
- हिरालाल शास्त्री
- टी.टी. कृष्णामाचारी
- जोधपुर (मारवाड़): जे.एन. व्यास
- बीकानेर - जसवंत सिंह
- संविधान का वाचन: 3 बार
- प्रथम वाचन - 04 नवम्बर 1948 - 9 नवम्बर 1948
- दुसरा वाचन - 15 नवम्बर 1948 - 17 अक्टूबर 1949
- तीसरी वाचन - 14 नवम्बर 1949 - 26 नवम्बर 1949
- संविधान सभा की बैठके:
- 9 दिसम्बर 1946 संविधान सभा की प्रथम बैठक
- इस बैठक का मुस्लिम लीग ने बहिष्कार किया।
- बैठक में कुल 211 सदस्यों ने भाग लिया।
- संविधान सभा के अस्थाई/प्रथम /प्रोटेम स्पीकर/अतरिम अध्यक्ष/उदघाटन कर्ता अध्यक्ष:- सच्चिदानंद सिन्हा जो वरिष्ठता के आधार पर चुने गये।
- 11 दिसम्बर 1946 संविधान सभा की द्वितीय बैठक
- संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष - डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद
- 13 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की तीसरी बैठक
- इस बैठक में जे.एल. नेहरू ने संविधान सभा में उद्देश्य/वस्तुनिष्ट प्रस्ताव पेश किया जो 22 जनवरी 1947 को पारित किया गया।
- नोट - वस्तुनिष्ट प्रस्ताव को प्रस्तावना का मुख्य आधार माना जाता है।
- 26 नवम्बर 1949/मार्गशीर्ष शुक्ला सप्तमी/वि.स. 2006
- इस दिन संविधान को अंगीकृत (स्वीकार)
- अधिनियमित (लागू) किया
- आत्मार्पित किया गया (जनता द्वारा)
- संविधान को आंशिक रूप से लागू किया गया।
- इस दिन नागरिकता व निर्वाचन से संबंधित निम्नलिखित 15 अनुच्छेदों को लागू किया गया।
- अनुच्छेद - 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, 393
- विधि दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- 26 नवम्बर 1949 का उल्लेख ‘प्रस्तावना’ में मिलता है।
- 24 जनवरी 1950 संविधान सभा की अंतिम बैठक
- नोट - 24 जनवरी 1950 से 1952 तक संविधान सभा ने अंतरिम संसद के रूप में कार्य किया।
- डा. राजेन्द्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रीय चुना गया
- राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत को अंतिम रूप से स्वीकार किया गया।
- नोट - सर्वप्रथम राष्ट्रगीत 1896 ई. को राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकता अधिवेशन में तथा राष्ट्रगान को 1911 ई. में राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकता अधिवेशन में गाया गया।
- इस दिन संविधान सभा के उपस्थित 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए।
- हस्ताक्षरकर्ता कुल महिलाओं की संख्या - 8 थी।
- सर्वप्रथम हस्ताक्षरकर्ता - जे.एल. नेहरू
- अंतिम हस्ताक्षर - डा. राजेन्द्र प्रसाद
- नोट - राजस्थान से सर्वप्रथम हस्ताक्षर कर्ता - बलवंत सिंह मेहता (मेवाड रिसायत)
- 26 जनवरी 1950
- इस दिन संविधान को पूर्ण रूप से लागू किया जिसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 394 में है।
- नोट: दिसम्बर 1929 ई. को राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लाहौर में हुआ। जिसकी अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरू ने की। इस अधिवेशन में प्रथम बार पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पारित किया गया। जिसके आधार पर भारतीयों ने प्रथम स्वतंत्रता/स्वाधीनता दिवस 26 जनवरी 1930 को मनाया।
- 26 जनवरी को ऐतिहासिक बनाने के लिए हमारे संविधान को 26 जनवरी को पूर्ण रूप से लागू किया गया।
- राष्ट्रीय चिन्ह को इस दिन पूर्ण रूप से स्वीकार किया गया।
- नोट - भारत देश एक गणतंत्र राष्ट्र क्योंकि भारत में सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति का है जो निर्वाचित होता है।
- नोट - 22 जुलाई 1947 राष्ट्रीय ध्वज को पूर्णरूप से स्वीकार किया गया।
- 22 मार्च 1957 राष्ट्रीय पांचाग को पूर्ण रूप से स्वीकार किया गया।
संविधान सभा की प्रमुख समितियां -
समितिया अध्यक्ष
संघीय संविधान समिति जवाहर लाल नेहरू
संघ शक्ति समिति जवाहर लाल नेहरू
संघ राज्य समिति जवाहर लाल नेहरू
देशी रियासत समझौता वार्ता समिति जवाहर लाल नेहरू
प्रक्रिया नियम समिति डा. राजेन्द्र प्रसाद
कार्य संचालन समिति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद
रियसत समिति राजेन्द्र प्रसाद
प्रांतिय संविधान समिति सरदार पटेल
मूल अधिकार समिति सरदार पटेल
परामर्श समिति सरदार पटेल
अल्प संख्यक समिति सरदार पटेल
नोट: अल्पसंख्य उपसमिति H.C. मुखर्जी
मुल अधिकार उपसमिति - J.B. कृपलानी
झण्डा समिति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद
नोट: भारत स्वतंत्रत तब J.B. कृपलानी राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष थे।
सर्वोच्च न्यायालय पर तदर्ध समिति- एस. वारदाचारियार
- संविधान का प्रथम प्रारूप संविधान सभा के सचिव ठण्छण् राव ने तैयार किया। जिसकी जांच के लिए प्रारूप समिति का गठन किया गया।
- प्रारूप समिति
- गठन - 29 अगस्त 1947
- अध्यक्ष - B.R. अम्बेडकर
- कुल सदस्य 7 (अध्यक्ष सहित)
- अन्य सदस्य -
- छ गोपाल स्वामी आंयगर
- अल्लादि कृष्ण स्वामी अय्यर
- सैयद मोहम्मद सादुल्ला
- K.M. मुन्शी
- B.L मितर
- D.P. ख्ेातान
नोट: B.L. मितर की जगह संवधिान सभा में N. माध्वराव तथा D.P. खेतान की मृत्यु के बाद कृष्णामाचारी को प्रारूप समिति के सदस्य बनाये गये।
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